Category: धार्मिक चालीसा

  • श्री महालक्ष्मी अष्टक (Shri Mahalakshmi Ashtakam)

    श्री महालक्ष्मी अष्टक (Shri Mahalakshmi Ashtakam)

    Shri Mahalakshmi Ashtakam श्री महालक्ष्म्यष्टकम् इंद्र देव द्वारा माता महालक्ष्मी की भक्तिपूर्ण स्तुति है, जिसे पद्म पुराण मे समायोजित किया गया है। श्री शुभ ॥ श्री लाभ ॥ श्री गणेशाय नमः॥नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते ।शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥ नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी ।सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी…

  • गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)

    गोपाल चालीसा (Gopal Chalisa)

    Gopal Chalisa ॥ दोहा ॥श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥ चौपाई ॥जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी।दुष्ट दलन लीला अवतारी॥जो कोई तुम्हरी लीला गावै।बिन श्रम सकल पदारथ पावै॥ श्री वसुदेव देवकी माता।प्रकट भये संग हलधर भ्राता॥मथुरा सों प्रभु गोकुल आये।नन्द भवन में बजत बधाये॥ जो विष देन पूतना आई।सो मुक्ति…

  • श्री दंदरौआ हनुमान चालीसा (Dandraua Hanuman Chalisa)

    श्री दंदरौआ हनुमान चालीसा (Dandraua Hanuman Chalisa)

    Dandraua Hanuman Chalisa जय -जय -जय हनुमान कृपाला,करो सदा संतन प्रतिपाला ॥ मंगल ,शनि को जो कोई जावै,चोला तुम्हरे अंग चढ़ावै ॥ रीझो तुम जो अधिक सदाई,मन इच्छा पूरण हो जय ॥ भक्तन हित कलयुग के राजा,राम प्रताप तिलक तुम राजा ॥ राम भक्ति अग्रणी हमेशा,सुमिरत तुमको मिटै कलेशा ॥ राम सदा वश में कर…

  • श्री ललिता चालीसा (Sri Lalita Chalisa)

    श्री ललिता चालीसा (Sri Lalita Chalisa)

    Sri Lalita Chalisa ललिता चालीसा एक भक्ति गीत है जो ललिता माता पर आधारित है। ललिता चालीसा एक लोकप्रिय प्रार्थना है जो 40 छन्दों से बनी है। ललिता माता के भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस चालीसा का पाठ करते हैं। ॥ चौपाई ॥जयति जयति जय ललिते माता।तव गुण महिमा है विख्याता॥तू सुन्दरी,…

  • बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)

    बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)

    Batuk Bhairav ​​Chalisa ॥ दोहा ॥विश्वनाथ को सुमिर मन,धर गणेश का ध्यान।भैरव चालीसा रचूं,कृपा करहु भगवान॥ बटुकनाथ भैरव भजू,श्री काली के लाल।छीतरमल पर कर कृपा,काशी के कुतवाल॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्रीकाली के लाला।रहो दास पर सदा दयाला॥भैरव भीषण भीम कपाली।क्रोधवन्त लोचन में लाली॥ कर त्रिशूल है कठिन कराला।गल में प्रभु मुण्डन की माला॥कृष्ण रूप…

  • भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)

    भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)

    Bhagavad Geeta Chalisa ॥ चौपाई ॥ प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना।अपने रूप बताये नाना॥उनका मैं कछु भेद न जाना।किरपा कर फिर कहो सुजाना॥ जो कोई तुमको नित ध्यावे।भक्तिभाव से चित्त लगावे॥रात दिवस तुमरे गुण गावे।तुमसे दूजा मन नहीं भावे॥ तुमरा नाम जपे…

  • श्री गिरिराज चालीसा (Shri Giriraj Chalisa)

    श्री गिरिराज चालीसा (Shri Giriraj Chalisa)

    shri Giriraj Chalisa॥ दोहा ॥ बन्दहुँ वीणा वादिनी,धरि गणपति को ध्यान।महाशक्ति राधा सहित,कृष्ण करौ कल्याण॥ सुमिरन करि सब देवगण,गुरु पितु बारम्बार।बरनौ श्रीगिरिराज यश,निज मति के अनुसार॥ ॥ चौपाई ॥जय हो जय बंदित गिरिराजा।ब्रज मण्डल के श्री महाराजा॥विष्णु रूप तुम हो अवतारी।सुन्दरता पै जग बलिहारी॥ स्वर्ण शिखर अति शोभा पामें।सुर मुनि गण दरशन कूं आमें॥शांत कन्दरा…

  • श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)

    श्री गायत्री चालीसा (Shri Gayatri Chalisa)

    ॥ दोहा ॥हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड । शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड ॥जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम ।प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम  ॥ चालीसा ॥भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी ।गायत्री नित कलिमल दहनी ॥१॥ अक्षर चौबिस परम पुनीता ।इनमें बसें शास्त्र, श्रुति, गीता ॥ शाश्वत सतोगुणी सतरुपा ।सत्य…

  • श्री आदिनाथ चालीसा (Shri Aadinath Chalisa)

    श्री आदिनाथ चालीसा (Shri Aadinath Chalisa)

    Shri aadinath chalisa ॥ दोहा॥शीश नवा अरिहंत को,सिद्धन को, करूं प्रणाम ।उपाध्याय आचार्य का,ले सुखकारी नाम ॥ सर्व साधु और सरस्वती,जिन मन्दिर सुखकार ।आदिनाथ भगवान को,मन मन्दिर में धार ॥ ॥ चौपाई ॥जै जै आदिनाथ जिन स्वामी ।तीनकाल तिहूं जग में नामी ॥ वेष दिगम्बर धार रहे हो ।कर्मो को तुम मार रहे हो ॥…

  • नवग्रह चालीसा (Navgrah Chalisa)

    नवग्रह चालीसा (Navgrah Chalisa)

    Navgrah Chalisa ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरुपद कमल,प्रेम सहित सिरनाय ।नवग्रह चालीसा कहत,शारद होत सहाय ॥ जय जय रवि शशि सोम बुध,जय गुरु भृगु शनि राज।जयति राहु अरु केतु ग्रह,करहुं अनुग्रह आज ॥ ॥ चौपाई ॥॥ श्री सूर्य स्तुति ॥प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा,करहुं कृपा जनि जानि अनाथा ।हे आदित्य दिवाकर भानू,मैं मति मन्द महा…

  • विनय चालीसा – नीब करौरी बाबा (Vinay Chalisa – Baba Neeb Karori)

    विनय चालीसा – नीब करौरी बाबा (Vinay Chalisa – Baba Neeb Karori)

    Vinay Chalisa – Baba Neeb Karori ॥ दोहा ॥मैं हूँ बुद्धि मलीन अति ।श्रद्धा भक्ति विहीन ॥करूँ विनय कछु आपकी ।हो सब ही विधि दीन ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय नीब करोली बाबा ।कृपा करहु आवै सद्भावा ॥ कैसे मैं तव स्तुति बखानू ।नाम ग्राम कछु मैं नहीं जानूँ ॥ जापे कृपा द्रिष्टि तुम करहु…

  • भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)

    भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)

    Bhairav chalisa ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरु गौरी पदप्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वंदन करोश्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरणमंगल करण कृपाल ।श्याम वरण विकराल वपुलोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्री काली के लाला ।जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी ।जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता ।जयति…

  • विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa)

    विश्वकर्मा चालीसा (Vishwakarma Chalisa)

    ॥ दोहा ॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं,चरणकमल धरिध्यान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण,दीजै दया निधान ॥॥ चौपाई ॥जय श्री विश्वकर्म भगवाना ।जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥ शिल्पाचार्य परम उपकारी ।भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥ अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर ।शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥ अद्‍भुत सकल सृष्टि के कर्ता ।सत्य ज्ञान श्रुति जग हित धर्ता ॥ ४ ॥…

  • माँ महाकाली चालीसा

    माँ महाकाली चालीसा

    ॥ दोहा ॥जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द,काली चालीसा रचत एक सिद्धि कवि हिन्द ॥प्रातः काल उठ जो पढ़े दुपहरिया या शाम,दुःख दरिद्रता दूर हों सिद्धि होय सब काम ॥॥ चौपाई ॥जय काली कंकाल मालिनी,जय मंगला महाकपालिनी ॥ रक्तबीज वधकारिणी…

  • श्री नर्मदा चालीसा (Shree narmda chalisa)

    श्री नर्मदा चालीसा (Shree narmda chalisa)

    देवि पूजित, नर्मदा,महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान ।तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥जय-जय-जय नर्मदा भवानी,तुम्हरी महिमा सब जग जानी । अमरकण्ठ से निकली माता,सर्व सिद्धि नव निधि की दाता । कन्या रूप सकल गुण खानी,जब प्रकटीं नर्मदा भवानी ।…