Category: मंत्र

  • श्री दुर्गा मन्त्र – Shri Durga Mantra

    Shri Durga Mantra देवी दुर्गा हिन्दु धर्म में पूजे जाने वाले सर्वाधिक लोकप्रिय देवी-देवताओं में से एक हैं। नवरात्रि उत्सव के समय नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तगण, श्री देवी जी की कृपा प्राप्ति हेतु, देवी मन्त्र का जाप करते हैं। देवी देवी के कुछ अत्यन्त…

  • मंत्र: णमोकार महामंत्र ( Namokar Maha Mantra)

    मंत्र: णमोकार महामंत्र ( Namokar Maha Mantra)

    Namokar Maha Mantra णमोकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा।इस महा मंत्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा। णमो अरिहंताणं,णमो सिद्धाणं,णमो आयरियाणं,णमो उवज्झायाणं,णमो लोए सव्व साहूणं ।एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो ।मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं ।

  • नन्दा व्रत विधान  शिवस्तुति -(Nanda Vrat Vidhan Shiv Stuti)

    नन्दा व्रत विधान शिवस्तुति -(Nanda Vrat Vidhan Shiv Stuti)

    Nanda Vrat Vidhan Shiv Stuti देवा ऊचुः ।नमो भगवते तुभ्यं यत एतच्चराचरम् ।पुरुषाय महेशाय परेशाय महात्मने ॥ ३६॥ आदिबीजाय सर्वेषां चिद्रूपाय पराय च ।ब्रह्मणे निर्विकाराय प्रकृतेः पुरुषस्य च ॥ ३७॥ य इदं प्रतिपञ्च्येदं येनेदं विचकास्ति हि ।यस्मादिदं यतश्चेदं यस्येदं त्वं च यत्नतः ॥ ३८॥ योऽस्मात्परस्माच्च परो निर्विकारी महाप्रभुः ।ईक्षते यस्स्वात्मनीदं तं नताः स्म स्वयम्भुवम् ॥…

  • तोटकाष्टकम (Totakaashtakam)

    तोटकाष्टकम (Totakaashtakam)

    Totakaashtakam ॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥यहाँ एक लेख है जिसमें आदि शंकराचार्य के सम्मान में रचित आठ श्लोक तोटकष्टकम शामिल हैं। इसमें अद्वैत परम्परा का संक्षिप्त विवरण और शंकर के शिष्य तोटक का संक्षिप्त विवरण शामिल है।विदिताखिलशास्त्रसुधाजलधेमहितोपनिषत् कथितार्थनिधे ।हृदये कलये विमलं चरणंभव शङ्कर देशिक मे शरणम् ॥ १ ॥ करुणावरुणालय पालय मांभवसागरदुःखविदूनहृदम् ।रचयाखिलदर्शनतत्त्वविदंभव शङ्कर देशिक मे शरणम्…

  • श्री यमुनाष्टक (Shri Yamunashtakam)

    श्री यमुनाष्टक (Shri Yamunashtakam)

    Shri Yamunashtakam नमामि यमुनामहं सकल सिद्धि हेतुं मुदामुरारि पद पंकज स्फ़ुरदमन्द रेणुत्कटाम । तटस्थ नव कानन प्रकटमोद पुष्पाम्बुनासुरासुरसुपूजित स्मरपितुः श्रियं बिभ्रतीम ॥१॥ कलिन्द गिरि मस्तके पतदमन्दपूरोज्ज्वलाविलासगमनोल्लसत्प्रकटगण्ड्शैलोन्न्ता । सघोषगति दन्तुरा समधिरूढदोलोत्तमामुकुन्दरतिवर्द्धिनी जयति पद्मबन्धोः सुता ॥२॥ भुवं भुवनपावनीमधिगतामनेकस्वनैःप्रियाभिरिव सेवितां शुकमयूरहंसादिभिः । तरंगभुजकंकण प्रकटमुक्तिकावाकुका-नितन्बतटसुन्दरीं नमत कृष्ण्तुर्यप्रियाम ॥३॥ अनन्तगुण भूषिते शिवविरंचिदेवस्तुतेघनाघननिभे सदा ध्रुवपराशराभीष्टदे । विशुद्ध मथुरातटे सकलगोपगोपीवृतेकृपाजलधिसंश्रिते मम मनः…

  • Shri Narasimha Kavacham Mantra-श्री नृसिंह कवच मंत्र

    Shri Narasimha Kavacham Mantra-श्री नृसिंह कवच मंत्र

    Shri Narasimha Kavacham Mantra नृसिंह कवचम वक्ष्येऽ प्रह्लादनोदितं पुरा ।सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वोपद्रवनाशनं ॥ सर्वसंपत्करं चैव स्वर्गमोक्षप्रदायकम ।ध्यात्वा नृसिंहं देवेशं हेमसिंहासनस्थितं॥ विवृतास्यं त्रिनयनं शरदिंदुसमप्रभं ।लक्ष्म्यालिंगितवामांगम विभूतिभिरुपाश्रितं ॥ चतुर्भुजं कोमलांगम स्वर्णकुण्डलशोभितं ।ऊरोजशोभितोरस्कं रत्नकेयूरमुद्रितं ॥ तप्तकांचनसंकाशं पीतनिर्मलवासनं ।इंद्रादिसुरमौलिस्थस्फुरन्माणिक्यदीप्तिभि: ॥ विराजितपदद्वंद्वं शंखचक्रादिहेतिभि:।गरुत्मता च विनयात स्तूयमानं मुदान्वितं ॥ स्वहृतकमलसंवासम कृत्वा तु कवचम पठेतनृसिंहो मे शिर: पातु लोकरक्षात्मसंभव:।सर्वगोऽपि स्तंभवास: फालं मे…

  • शिव चन्द्रशेखर अष्टकम स्त्रोत्रं (Chandrasekhara Ashtakam Stotram)

    शिव चन्द्रशेखर अष्टकम स्त्रोत्रं (Chandrasekhara Ashtakam Stotram)

    Chandrasekhara Ashtakam Stotram चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहि माम् ।चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्ष माम् ॥ रत्नसानुशरासनं रजताद्रिश‍ृङ्गनिकेतनंसिञ्जिनीकृतपन्नगेश्वर मच्युतानलसायकम् ।क्षिप्रदग्धपुरत्रयं त्रिदिवालयैरभिवन्दितंचन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ १॥ पञ्चपादपपुष्पगन्धिपदाम्बुजद्वयशोभितंभाललोचनजातपावकदग्धमन्मथविग्रहम् ।भस्मदिग्धकलेवरं भवनाशनं भवमव्ययंचन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ २॥ मत्तवारणमुख्यचर्मकृतोत्तरीयमनोहरंपङ्कजासनपद्मलोचनपूजिताङ्घ्रिसरोरुहम् ।देवसिन्धुतरङ्गशीकर सिक्तशीतजटाधरंचन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ ३॥ कुण्डलीकृत कुण्डलेश्वर कुण्डलं वृषवाहनंनारदादिमुनीश्वरस्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।अन्धकान्तकमाश्रितामरपादपं शमनान्तकंचन्द्रशेखरमाश्रये मम…

  • शंकराचार्य कृत शिवाष्टकम (Shankaracharya Krit Shivashtakam)

    शंकराचार्य कृत शिवाष्टकम (Shankaracharya Krit Shivashtakam)

    Shankaracharya Krit Shivashtakam तस्मै नमः परमंकारकरणाय भगवान शिव के सबसे प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है। इस प्रसिद्ध अष्टकम का पाठ भगवान शिव से संबंधित अधिकांश अवसरों पर किया जाता है। यह प्रसिद्ध अष्टकम आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। प्रभुम् प्राणनाथम् विभुम् भगवान शिव का एक और प्रसिद्ध अष्टकम है। ॥ शिवाष्टकम् ॥ तस्मै नमः…

  • श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् (Vindhyeshwari Stotram)

    श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् (Vindhyeshwari Stotram)

    Vindhyeshwari Stotram निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी ।बनेरणे प्रकाशिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ त्रिशूल मुण्ड धारिणी,धरा विघात हारिणी ।गृहे-गृहे निवासिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ दरिद्र दुःख हारिणी,सदा विभूति कारिणी ।वियोग शोक हारिणी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ लसत्सुलोल लोचनं,लतासनं वरप्रदं ।कपाल-शूल धारिणी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ कराब्जदानदाधरां,शिवाशिवां प्रदायिनी ।वरा-वराननां शुभां,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ कपीन्द्न जामिनीप्रदां,त्रिधा स्वरूप धारिणी ।जले-थले निवासिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ विशिष्ट शिष्ट कारिणी,विशाल रूप…

  • अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)

    अष्टोत्तर भैरव नामावलि (Bhairav Stotram)

    Bhairav Stotram ॐ भैरवाय नमःॐ भूतनाथाय नमःॐ भूतात्मने नमःॐ भूतभावनाय नमःॐ क्षेत्रज्ञाय नमःॐ क्षेत्रपालाय नमःॐ क्षेत्रदाय नमःॐ क्षत्रियाय नमःॐ विराजे नमःॐ श्मशानवासिने नमःॐ मांसाशिने नमःॐ खर्वराशिने नमःॐ स्मरांतकाय नमःॐ रक्तपाय नमःॐ पानपाय नमःॐ सिद्दाय नमःॐ सिद्धिदाय नमःॐ सिद्धिसेविताय नमःॐ कंकालाय नमःॐ कालशमनाय नमःॐ कलाकाष्ठाय नमःॐ तनये नमःॐ कवये नमःॐ त्रिनेत्राय नमःॐ बहुनेत्राय नमःॐ पिंगललोचनाय नमःॐ…

  • सिंह संक्रांति – Simha Sankranti

    सिंह संक्रांति – Simha Sankranti

    Simha Sankranti हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले…

  • नाग स्तोत्रम् (Naag Sarpa Stotram)

    नाग स्तोत्रम् (Naag Sarpa Stotram)

    Naag Sarpa Stotram ब्रह्म लोके च ये सर्पाः शेषनागाः पुरोगमाः ।नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥१॥ विष्णु लोके च ये सर्पाः वासुकि प्रमुखाश्चये ।नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥२॥ रुद्र लोके च ये सर्पाः तक्षकः प्रमुखास्तथा ।नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥३॥ खाण्डवस्य तथा दाहे स्वर्गन्च ये च समाश्रिताः…

  • संतान गोपाल स्तोत्रम् (Santan Gopal Stotra)

    संतान गोपाल स्तोत्रम् (Santan Gopal Stotra)

    Santan Gopal Stotra श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् ।यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥2॥ अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् ।नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥3॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् ।पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥4॥ पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् ।देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥5॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन ।देहि में तनयं…

  • करचरण कृतं वा क्षमा मंत्र (Karacharana Kritam Vaa)

    करचरण कृतं वा क्षमा मंत्र (Karacharana Kritam Vaa)

    Karacharana Kritam Vaa करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥ यह कराचरण क्रतम वा मंत्र शिव क्षमा मंत्र तथा शिव ध्यान मंत्र के रूप में जाना जाता है।

  • बेलपत्र चढ़ाने का मंत्र (Belpatra Mantra)

    बेलपत्र चढ़ाने का मंत्र (Belpatra Mantra)

    Belpatra Mantra नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने चनमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमोदुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥ दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌ ।अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌ ॥ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌ ।त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌ ॥ अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌ ।कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌ ॥ गृहाण बिल्व…