Category: व्रत कथा
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तमिल हनुमान जयंती – Tamil Hanuman Jayanti
Tamil Hanuman Jayanti हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान हनुमान की बहुत प्रासंगिकता है और हनुमान जयंती पूरे देश में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। भक्तों का मानना है कि भक्ति और समर्पण के साथ देवता की पूजा करने से उनके दुख और दर्द दूर हो जाते हैं और उनके स्थान पर…
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मार्गशीर्ष चन्द्र दर्शन – Margashirsha Chandra Darshan
Margashirsha Chandra Darshan चंद्र दर्शन अमावस्या के उपरांत चंद्र देव के पुनः आगमन एवं उनके दर्शन की परंपरा है। हिंदू धर्म में सूर्य दर्शन की ही तरह चंद्र दर्शन का भी अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस दिन श्रद्धालु चंद्र देव की पूजा एवं विशेष प्रार्थना करते हैं। अमावस्या के तुरंत बाद चंद्रमा का दर्शन करना…
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लाभ पंचमी – Labh Panchami
Labh Panchami कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भारत के गुजरात राज्य में, लाभ पंचमी सबसे अधिक महत्ता के साथ मनाया जाता है। लाभ पंचमी त्यौहार को सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी, लाखेनी पंचमी एवं सौभाग्य लाभ पंचम भी कहा जाता है लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयःयेषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः ॥हिन्दी भावार्थ: जिनके हृदयमें श्याम रंगके पद्म स्वरूपी जनार्दनका वास है, उन्हें सदैव यश…
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पुत्रदा एकादशी – Putrada Ekadashi
Putrada Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि – Ashadha Gupt Navratri
Ashadha Gupt Navratri देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि के दौरान साधक माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ…
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विजया पार्वती व्रत कथा (Vijaya Parvati Vrat Katha)
Vijaya Parvati Vrat Katha विजया पार्वती व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार किसी समय कौडिन्य नगर में वामन नाम का एक योग्य ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम सत्या था। उनके घर में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनके यहां संतान नहीं होने से वे बहुत दुखी रहते थे। एक दिन…
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भैया दूज लोक कथा (Bhaiya Dooj Lauk Katha)
Bhaiya Dooj Lauk Katha एक बुढ़िया माई थीं, उसके सात बेटे और एक बेटी थी। बेटी कि शादी हो चुकी थी। जब भी उसके बेटे कि शादी होती, फेरों के समय एक नाग आता और उसके बेटे को डस लेता था। बेटे कि वही म्रत्यु हो जाती और बहू विधवा, इस तरह उसके छह बेटे…
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जितिया व्रत कथा (Jitiya Vrat Katha)
Jitiya Vrat Katha पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक गरुड़ और एक मादा लोमड़ी नर्मदा नदी के पास एक जंगल में रहते थे। दोनों ने कुछ महिलाओं को पूजा करते और उपवास करते देखा और खुद भी इसे देखने की कामना की। उनके उपवास के दौरान, लोमड़ी भूख के कारण बेहोश हो गई और…
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मोक्षदा एकादशी व्रत कथा (Mokshada Ekadashi Vrat Katha)
Mokshada Ekadashi Vrat Katha मोक्षदा एकादशी का महत्त्व:धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवान! मैंने मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी अर्थात उत्पन्ना एकादशी का सविस्तार वर्णन सुना। अब आप कृपा करके मुझे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के विषय में भी बतलाइये। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का क्या विधान है? इसकी विधि…
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पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)
Papmochani Ekadashi Vrat Katha पापमोचनी एकादशी का महत्त्व:अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा: हे मधुसूदन! आपने फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात आमलकी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मेरी बढ़ती हुई जिज्ञासा को शांत करें।…
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योगिनी एकादशी – Yogini Ekadashi
Yogini Ekadashi एकादशी के व्रत का सम्वन्ध तीन दिनों की दिनचर्या से है। भक्त उपवास के दिन, से एक दिन पहले दोपहर में भोजन लेने के उपरांत शाम का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले दिन पेट में कोई अवशिष्ट भोजन न बचा रहे। भक्त एकादशी के दिन उपवास के…
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राजा मुचुकुन्द की कथा – Raja Muchkund Ki Katha
Raja Muchkund Ki Katha त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए, अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया। युद्ध में विजय श्री मिलने के बाद महाराज मुचुकुन्द ने विश्राम की इच्छा प्रकट की। देवताओं ने वरदान दिया कि जो…
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वट पूर्णिमा – Vat Purnima
Vat Purnima सुहागन महिलाएं अपने सास-ससुर एवं पति की लम्बी उम्र के लिए वट पूर्णिमा व्रत को रखतीं हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारतीय राज्यों में महिलाएं इसे ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को मानतीं हैं। जबकि उत्तर भारत जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं उड़ीसा राज्य में वट पूर्णिमा 15 दिन पहिले ही…
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सत्यनारायण व्रत – Satyanarayan Vrat
Satyanarayan Vrat सत्यनारायण पूजा और व्रत की पौराणिक कथापौराणिक कथा के अनुसार एक बार नारद जी ने भगवान विष्णु से कहा कि हे भगवान, पृथ्वी पर सभी लोग बहुत दुखी नजर आ रहे हैं, इसका कोई उपाय नहीं है। इस पर भगवान विष्णु ने कहा कि सत्यनारायण का व्रत करने से सबके कष्ट दूर हो…
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पाण्डव निर्जला एकादशी व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Katha)
Nirjala Ekadashi Vrat Katha निर्जला एकादशी का महत्त्व:एकादशी व्रत हिन्दुओ में सबसे अधिक प्रचलित व्रत माना जाता है। वर्ष में चौबीस एकादशियाँ आती हैं, किन्तु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत रखने से वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त…